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Showing posts from March, 2022

जैसी करनी वैसी भरनी

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कांग्रेस पार्टी - देश का सबसे पुराना राजनीतिक दल जो किसी समय 415 लोकसभा सीटों के साथ सत्ता पर काबिज़ हुआ था। आज पांच राज्यों के चुनाव नतीजों में देश की सबसे पुरानी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया। राजनीति को जानने और समझने वालों के लिए यह अचंभित करने वाली बात कतई नहीं है। इन नतीजों में उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी की लॉन्चिंग से पहले ही प्लेन क्रैश समान राजनीतिक शुरुआत हुई, तो वहीं पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे व्यक्तित्व के अपमान को जनता ने ज़ोरदार तमाचा दिया और खुद को राजनीतिक स्वयंभू समझने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को करारी हार का सामना करना पड़ा।  असलल में कांग्रेस पार्टी में बुजुर्गों के अपमान की कहानी सन 1970 में शुरू हुई थी जब इंदिरा गांधी ने सिंडिकेट के बड़े चेहरों, जिनमें के. कामराज से लेकर अतुल्य घोष और मोरारजी देसाई जैसे ईमानदार और स्पष्टवादी व्यक्तित्व तक का बुरी तरह अपमान कर दिया गया और सत्ता के घमंड में चूर तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रातों रात मोरारजी देसाई से वित्त मंत्रालय छीन कर उन्हें कांग्रेस छोड़ने पर मजबूर कर दिया। कुछ यही कहानी कैप्...

किस तरह कांग्रेस के ही पदचिह्नों पर चलकर कांग्रेस को निप्टा रही मोदी-शाह की जोड़ी, और राहुल के "अपने तरीके" ने डुबा दी पार्टी की नैया।

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पूर्व प्रधानमंत्री श्री पीवी नरसिम्हा राव, देश की राजनीति में एक एैसा नाम जिनका कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में इस कदर सिक्का चमका कि 1991 में ये प्रधानमंत्री बने। ये वो दौर था जब कांग्रेस में दिल्ली से लेकर राज्य स्तर तक में चतुर रणनीतिज्ञों का बोलबाला था। अर्जुन सिंह, शरद पवार, विद्याचरण शुक्ल, नारायणदत्त तिवारी, प्रणब मुखर्जी, शीला दिक्षित, अशोक गेहलोत और स्वयं नरसिम्हा राव समेत अनेकों चतुर राजनेताओं का कांग्रेस के छोटे से बड़े फैसलों में योगदान हुआ करता था।  मध्यप्रदेश और देश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को एक चाणक्य के रूप में जाना जाता था। 1984 के लोकसभा चुनावों में ग्वालियर से ऐन वक्त पर श्री अटल बिहारी के सामने महाराज माधवराओ सिंधिया को मैदान में उतार कर अटल को हराने की रणनीति भी अर्जुन सिंह की ही थी। मगर कहा जाता है कि राजनीति के इस चाणक्य को पीवी नरसिम्हा राव ने उलझा कर रख दिया था। अर्जुन सिंह की खासियत थी कि जो पूछा जाता था उसका जवाब हमेश कुछ और ही देते थे, और पार्टी ने इन्हें जहां जहां भेजा वहां वहां इन्होनें जीत का परचम लहरा दिया। वहीं पीवी नरसिम्हा ...

जब भारत ने 63 दिनों में 488 नान स्‍टाप फ्लाइट्स के जरिए 1.70 लाख लोगों को किया था एयरलिफ्ट, गिनीज बुक में दर्ज है ये घटना!

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रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग से वहां मौजूद भारतीयों को सकुशल निकालने की जो समस्‍या आज देश के सामने खड़ी हो रखी है वही समस्‍या एक बार 1990 में भी आई थी। उस वक्‍त एक लाख सत्‍तर हजार लोगों को एयरलिफ्ट किया गया था। एयर इंडिया की यह उपलब्धि अभी भी एक विश्व रिकॉर्ड है, जिसे 13 अगस्त से 11 अक्टूबर, 1990 के बीच अंजाम दिया गया था। उस समय कुवैत में 1,70,000 से ज्यादा भारतीय फंसे हुए थे और उन लोगों को अम्मान से मुंबई लाने के लिए एयर इंडिया के विमानों ने कुल 488 उड़ानें भरीं थी। यह दूरी 4000 किलोमीटर से भी ज्यादा थी। यह अभियान खाड़ी युद्ध के दौरान चलाया गया था, जिसमें कुवैत और इराक में रह रहे भारतीय लोगों को बचाया गया था। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी भीषण जंग में वहां फंसे भारतीयों को लाना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। यूक्रेन से जान बचाने के लिए भारतीय अलग अलग देशों की तरफ रुख कर रहे हैं। वहीं भारत ने भी इन भारतीयों को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यूक्रेन के पड़ोसी देशों से लगातान विशेष विमानों के जरिए भारतीयों को वापस लाया जा रहा है। सरकार लगातार इनसे संपर्क बन...